LITTLE KNOWN FACTS ABOUT NAVRATRI SHAYARI IN HINDI.

Little Known Facts About Navratri Shayari In Hindi.

Little Known Facts About Navratri Shayari In Hindi.

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नवरात्रि शायरी एक विशेष तरह की कविता होती है, जो मां दुर्गा की महिमा और उनकी शक्तियों को गुणगान करती है। यह एक उपहास्य, भक्तिपूर्ण, और आद्यात्मिक भावनाओं का मिश्रण होता है जो लोगों को नवरात्रि के पावन अवसर पर भावनाओं में लिपटने का अवसर प्रदान करता है। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान, भक्त अपनी आराधना के लिए शायरी के माध्यम से भक्ति और प्रेम की भावना को अभिव्यक्त करते हैं।

प्रजापति दक्ष अपनी शक्तियों को लेके बहुत अहंकार में था एक बार प्रजापति दक्ष ने एक बहुत बड़ा यज्ञ किया। इस यज्ञ में उसने सभी देवताओं को आमंत्रित किया, परन्तु भगवन्न शंकर को यज्ञ में निमंत्रित नहीं किया। सती जो कि शिव जी की पत्नी थी, ने जब सुना कि उनके पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का आयोजन कर रहे हैं, तब वहाँ जाने के लिए उनका मन व्यग्र हो उठा।

आपके दिल में बसे माँ का प्यार और आपके चेहरे पर मुस्कान हो बरसात।

नवरात्रि का त्यौहार आपके जीवन में खुशियां और समृद्धि लाएं। शुभ नवरात्रि।

नवरात्रि के इस महत्वपूर्ण पावन पर्व पर !!

प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् ।

सबकी बिगड़ी बनाने वाली, जय हो माँ शेरावाली।

नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रम्ह्चारिणी की पूजा होती है। ब्रम्ह्चारिणी देवी को समस्त विद्याओं का ज्ञाता माना गया है। देवी ब्रम्ह्चारिणी भवानी माँ दुर्गा का दूसरा स्वरुप है। ब्रम्ह्चारिणी ब्रह्माण्ड की रचना करने वाली। ब्रह्माण्ड को जन्म देने के कारण ही देवी के दूसरे स्वरुप का नाम ब्रम्ह्चारिणी पड़ा। देवी के ब्रम्ह्चारिणी रूप में ब्रम्हा जी की शक्ति समाई हुई है। माना जाता है कि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के समय ब्रम्हा जी ने मनुष्यों को जन्म दिया। समय बीतता रहा , लेकिन ब्रह्माण्ड का विस्तार नहीं हो सका। ब्रम्हा जी भी आश्चर्य में पड़ गए। देवताओं के सभी प्रयास व्यर्थ होने लगे। सारे देवता निराश हो उठें तब ब्रह्मा जी ने भगवान शंकर से पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है। भोले शंकर बोले कि बिना देवी की शक्ति के संसार का विस्तार संभव नहीं है। सकल संसार के विस्तार हेतु माँ जगदम्बा का आशीर्वाद प्राप्त करना होगा , उन्हें प्रसन्न करना होगा। सभी देवता गण माँ भवानी की शरण में गए तब देवी ने ब्रह्माण्ड का विस्तार किया। उसके बाद से ही नारी शक्ति को माँ का स्थान मिला और गर्भ धारण करके शिशु जन्म कि नीव पड़ी। हर बच्चे में १६ गुण होते हैं और माता पिता के ४२ गुण होते हैं। जिसमें से ३६ गुण माता के माने जातें हैं।

माँ के आशीर्वाद से हो सबका मन प्यार से भरा।

कुमकुम भरे कदमों से आए माँ दुर्गा आपके द्वार,

नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।

माँ के आगमन का ध्यान रखकर हो सभी कार्य सुखमय।

माँ के आगमन से बढ़े आपके जीवन की मिसाल।

जीवन में सुख समृद्धि और शांति का वास हो जय माता दी !!

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